श्लोक - ५२६
महादान करते हुए, जो है क्रोध-विमुक्त ।
उसके सम भू में नहीं, बन्धुवर्ग से युक्त ॥
Tamil Transliteration
Perungotaiyaan Penaan Vekuli Avanin
Marungutaiyaar Maanilaththu Il.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | बंधुओं को अपनाना |