श्लोक - ५२५

श्लोक 525
श्लोक #५२५
मधुर वचन जो बोलता, करता भी है दान ।
बन्धुवर्ग के वर्ग से, घिरा रहेगा जान ॥

Tamil Transliteration
Kotuththalum Insolum Aatrin Atukkiya
Sutraththaal Sutrap Patum.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 039 to 050
chapterबंधुओं को अपनाना