स्वप्नावस्था का वर्णन

Verses

श्लोक #१२११
प्रियतम का जो दूत बन, आया स्वप्नाकार ।
उसका मैं कैसे करूँ, युग्य अतिथि-सत्कार ॥

Tamil Transliteration
Kaadhalar Thoodhotu Vandha Kanavinukku
Yaadhusey Venkol Virundhu.

Explanations
श्लोक #१२१२
यदि सुन मेरी प्रार्थना, दृग हों निद्रावान ।
दुख सह बचने की कथा, प्रिय से कहूँ बखान ॥

Tamil Transliteration
Kayalunkan Yaanirappath Thunjir Kalandhaarkku
Uyalunmai Saatruven Man.

Explanations
श्लोक #१२१३
जाग्रत रहने पर कृपा, करते नहीं सुजान ।
दर्शन देते स्वप्न में, तब तो रखती प्राण ॥

Tamil Transliteration
Nanavinaal Nalkaa Thavaraik Kanavinaal
Kaantalin Unten Uyir.

Explanations
श्लोक #१२१४
जाग्रति में करते नहीं, नाथ कृपा कर योग ।
खोज स्वप्न ने ला दिया, सो उसमें सुख-भोग ॥

Tamil Transliteration
Kanavinaan Untaakum Kaamam Nanavinaan
Nalkaarai Naatith Thararku.

Explanations
श्लोक #१२१५
आँखों में जब तक रहे, जाग्रति में सुख-भोग ।
सपने में भी सुख रहा, जब तक दर्शन-योग ॥

Tamil Transliteration
Nanavinaal Kantadhooum Aange Kanavundhaan
Kanta Pozhudhe Inidhu.

Explanations
श्लोक #१२१६
यदि न रहे यह जागरण, तो मेरे प्रिय नाथ ।
जो आते हैं स्वप्न में, छोड़ न जावें साथ ॥

Tamil Transliteration
Nanavena Ondrillai Aayin Kanavinaal
Kaadhalar Neengalar Man.

Explanations
श्लोक #१२१७
कृपा न कर जागरण में, निष्ठुर रहे सुजन ।
पीड़ित करते किसलिये, मुझे स्वप्न में प्राण ॥

Tamil Transliteration
Nanavinaal Nalkaak Kotiyaar Kanavanaal
Enemmaip Peezhip Padhu.

Explanations
श्लोक #१२१८
गले लगाते नींद में, पर जब पडती जाग ।
तब दिल के अन्दर सुजन, झट जाते हैं भाग ॥

Tamil Transliteration
Thunjungaal Tholmelar Aaki Vizhikkungaal
Nenjaththar Aavar Viraindhu.

Explanations
श्लोक #१२१९
जाग्रति में अप्राप्त को, कोसेंगी वे वाम ।
जिनके प्रिय ने स्वप्न में, मिल न दिया आराम ॥

Tamil Transliteration
Nanavinaal Nalkaarai Novar Kanavinaal
Kaadhalark Kaanaa Thavar.

Explanations
श्लोक #१२२०
यों कहते प्रिय का मुझे, जाग्रति में नहिं योग ।
सपने में ना देखते, क्या इस पुर के लोग ॥

Tamil Transliteration
Nanavinaal Namneeththaar Enpar Kanavinaal
Kaanaarkol Ivvoo Ravar.

Explanations
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