संयोग का आनन्द

Verses

श्लोक #११०१
पंचेन्द्रिय सुख, रूप औ’, स्पर्श गंध रस शब्द ।
उज्ज्वल चूड़ी से सजी, इसमें सब उपलब्ध ॥

Tamil Transliteration
Kantukettu Untuyirththu Utrariyum Aimpulanum
Ondhoti Kanne Ula.

Explanations
श्लोक #११०२
रोगों की तो है दवा, उनसे अलग पदार्थ ।
जो सुतनू का रोग है, दवा वही रोगार्थ ॥

Tamil Transliteration
Pinikku Marundhu Piraman Aniyizhai
Thannoikkuth Thaane Marundhu.

Explanations
श्लोक #११०४
हटने पर देती जला, निकट गया तो शीत ।
आग कहाँ से पा गयी, बाला यह विपरीत ॥

Tamil Transliteration
Neengin Theru?um Kurukungaal Thannennum
Theeyaantup Petraal Ival?.

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श्लोक #११०६
लगने से हर बार है, नवजीवन का स्पंद ।
बने हुए हैं अमृत के, इस मुग्धा के स्कंध ॥

Tamil Transliteration
Urudhoru Uyirdhalirppath Theentalaal Pedhaikku
Amizhdhin Iyandrana Thol.

Explanations
श्लोक #११०७
स्वगृह में स्वपादर्थ का, यथा बाँट कर भोग ।
रहा गेहुँए रंग की, बाला से संयोग ॥

Tamil Transliteration
Thammil Irundhu Thamadhupaaththu Untatraal
Ammaa Arivai Muyakku.

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श्लोक #११०८
आलिंगन जो यों रहा, बीच हवा-गति बंद ।
दोनों को, प्रिय औ’ प्रिया, देता है आनन्द ॥

Tamil Transliteration
Veezhum Iruvarkku Inidhe Valiyitai
Pozhap Pataaa Muyakku.

Explanations
श्लोक #११०९
मान मनावन मिलनसुख, ये जो हैं फल-भोग ।
प्रेम-पाश में जो पड़े, उनको है यह भोग ॥

Tamil Transliteration
Ootal Unardhal Punardhal Ivaikaamam
Kootiyaar Petra Payan.

Explanations
श्लोक #१११०
होते होते ज्ञान के, यथा ज्ञात अज्ञान ।
मिलते मिलते सुतनु से, होता प्रणय-ज्ञान ॥

Tamil Transliteration
Aridhoru Ariyaamai Kantatraal Kaamam
Seridhorum Seyizhai Maattu.

Explanations
श्लोक #११०३
निज दयिता मृदु स्कंध पर, सोते जो आराम ।
उससे क्या रमणीय है, कमल-नयन का धाम ॥

Tamil Transliteration
Thaamveezhvaar Mendrol Thuyilin Inidhukol
Thaamaraik Kannaan Ulaku.

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श्लोक #११०५
इच्छित ज्यों इच्छित समय, आकर दें आनन्द ।
पुष्पालंकृत केशयुत, हैं बाला के स्कंध ॥

Tamil Transliteration
Vetta Pozhudhin Avaiyavai Polume
Thottaar Kadhuppinaal Thol.

Explanations
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