श्लोक - ११०१
पंचेन्द्रिय सुख, रूप औ’, स्पर्श गंध रस शब्द ।
उज्ज्वल चूड़ी से सजी, इसमें सब उपलब्ध ॥
Tamil Transliteration
Kantukettu Untuyirththu Utrariyum Aimpulanum
Ondhoti Kanne Ula.
Section | काम- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 109 to 120 |
chapter | संयोग का आनन्द |