श्लोक - ११०३
निज दयिता मृदु स्कंध पर, सोते जो आराम ।
उससे क्या रमणीय है, कमल-नयन का धाम ॥
Tamil Transliteration
Thaamveezhvaar Mendrol Thuyilin Inidhukol
Thaamaraik Kannaan Ulaku.
Section | काम- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 109 to 120 |
chapter | संयोग का आनन्द |