शत्रु- शक्ति का ज्ञान

Verses

श्लोक #८७१
रिपुता नामक है वही, असभ्यता-अवगाह ।
हँसी-मज़े में भी मनुज, उसकी करे न चाह ॥

Tamil Transliteration
Pakaiennum Panpi Ladhanai Oruvan
Nakaiyeyum Ventarpaatru Andru.

Explanations
श्लोक #८७२
धनु-हल-धारी कृषक से, करो भले ही वैर ।
वाणी-हल-धर कृषक से, करना छोड़ो वैर ॥

Tamil Transliteration
Viller Uzhavar Pakaikolinum Kollarka
Soller Uzhavar Pakai.

Explanations
श्लोक #८७३
एकाकी रह जो करे, बहुत जनों से वैर ।
पागल से बढ़ कर रहा, बुद्धिहीन वह, खैर ॥

Tamil Transliteration
Emur Ravarinum Ezhai Thamiyanaaip
Pallaar Pakaikol Pavan.

Explanations
श्लोक #८७४
मित्र बना कर शत्रु को, जो करता व्यवहार ।
महिमा पर उस सभ्य की, टिकता है संसार ॥

Tamil Transliteration
Pakainatpaak Kontozhukum Panputai Yaalan
Thakaimaikkan Thangitru Ulaku.

Explanations
श्लोक #८७५
अपना तो साथी नहीं, रिपु हैं दो, खुद एक ।
तो उनमें से ले बना, उचित सहायक एक ॥

Tamil Transliteration
Thandhunai Indraal Pakaiyirantaal Thaanoruvan
Indhunaiyaak Kolkavatrin Ondru.

Explanations
श्लोक #८७६
पूर्व-ज्ञात हो परख कर, अथवा हा अज्ञात् ।
नाश-काल में छोड़ दो, शत्रु-मित्रता बात ॥

Tamil Transliteration
Thera?num Theraa Vitinum Azhivinkan
Theraan Pakaaan Vital.

Explanations
श्लोक #८७७
दुःख न कह उस मित्र से, यदि खुद उसे न ज्ञात ।
प्रकट न करना शत्रु से, कमज़ोरी की बात ॥

Tamil Transliteration
Novarka Nondhadhu Ariyaarkku Mevarka
Menmai Pakaivar Akaththu.

Explanations
श्लोक #८७८
ढ़ंग समझ कर कर्म का, निज बल को कर चंड ।
अपनी रक्षा यदि करे, रिपु का मिटे घमंड ॥

Tamil Transliteration
Vakaiyarindhu Tharseydhu Tharkaappa Maayum
Pakaivarkan Patta Serukku.

Explanations
श्लोक #८७९
जब पौधा है काटना, जो तरु कांटेदार ।
बढ़ने पर घायल करे, छेदक का कर दार ॥

Tamil Transliteration
Ilaidhaaka Mulmaram Kolka Kalaiyunar
Kaikollum Kaazhththa Itaththu.

Explanations
श्लोक #८८०
जो रिपुओं के दर्प का, कर सकते नहिं नाश ।
निश्चय रिपु के फूँकते, होता उनका नाश ॥

Tamil Transliteration
Uyirppa Ularallar Mandra Seyirppavar
Semmal Sidhaikkalaa Thaar.

Explanations
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