लोकोपकारिता

Verses

श्लोक #२११
उपकारी नहिं चाहते, पाना प्रत्युपकार ।
बादल को बदला भला, क्या देता संसार ॥

Tamil Transliteration
Kaimmaaru Ventaa Katappaatu Maarimaattu
En Aatrung Kollo Ulaku.

Explanations
श्लोक #२१२
बहु प्रयत्न से जो जुड़ा, योग्य व्यक्ति के पास ।
लोगों के उपकार हित, है वह सब धन-रास ॥

Tamil Transliteration
Thaalaatrith Thandha Porulellaam Thakkaarkku
Velaanmai Seydhar Poruttu.

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श्लोक #२१३
किया भाव निष्काम से, जनोपकार समान ।
स्वर्ग तथा भू लोक में दुष्कर जान ॥

Tamil Transliteration
Puththe Lulakaththum Eentum Peralaridhe
Oppuravin Nalla Pira.

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श्लोक #२१४
ज्ञाता शिष्टाचार का, है मनुष्य सप्राण ॥
मृत लोगों में अन्य की, गिनती होती जान ॥

Tamil Transliteration
Oththa Tharavon Uyirvaazhvaan Matraiyaan
Seththaarul Vaikkap Patum.

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श्लोक #२१५
पानी भरा तड़ाग ज्यों, आवे जग का काम ।
महा सुधी की संपदा, है जन-मन-सुख धाम ॥

Tamil Transliteration
Ooruni Neernirain Thatre Ulakavaam
Perari Vaalan Thiru.

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श्लोक #२१६
शिष्ट जनों के पास यदि, आश्रित हो संपत्ति ।
ग्राम-मध्य ज्यों वृक्षवर, पावे फल-संपत्ति ॥

Tamil Transliteration
Payanmaram Ulloorp Pazhuththatraal Selvam
Nayanutai Yaankan Patin.

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श्लोक #२१७
चूके बिन ज्यों वृक्ष का, दवा बने हर अंग ।
त्यों धन हो यदि वह रहे, उपकारी के संग ॥

Tamil Transliteration
Marundhaakith Thappaa Maraththatraal Selvam
Perundhakai Yaankan Patin.

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श्लोक #२१८
सामाजिक कर्तव्य का, जिन सज्जन को ज्ञान ।
उपकृति से नहिं चूकते, दारिदवश भी जान ॥

Tamil Transliteration
Itanil Paruvaththum Oppuravirku Olkaar
Katanari Kaatchi Yavar.

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श्लोक #२१९
उपकारी को है नहीं, दरिद्रता की सोच ।
‘मैं कृतकृत्य नहीं हुआ’ उसे यही संकोच ॥

Tamil Transliteration
Nayanutaiyaan Nalkoorndhaa Naadhal Seyumneera
Seyyaadhu Amaikalaa Vaaru.

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श्लोक #२२०
लोकोपकारिता किये, यदि होगा ही नाश ।
अपने को भी बेच कर, क्रय-लायक वह नाश ॥

Tamil Transliteration
Oppuravi Naalvarum Ketenin Aqdhoruvan
Vitrukkol Thakka Thutaiththu.

Explanations
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