श्लोक - २१४
ज्ञाता शिष्टाचार का, है मनुष्य सप्राण ॥
मृत लोगों में अन्य की, गिनती होती जान ॥
Tamil Transliteration
Oththa Tharavon Uyirvaazhvaan Matraiyaan
Seththaarul Vaikkap Patum.
Section | धर्म- कांड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 011 to 020 |
chapter | लोकोपकारिता |