पाप- भीरुता

Verses

श्लोक #२०१
पाप-कर्म के मोह से, डरें न पापी लोग ।
उससे डरते हैं वही, पुण्य-पुरुष जो लोग ॥

Tamil Transliteration
Theevinaiyaar Anjaar Vizhumiyaar Anjuvar
Theevinai Ennum Serukku.

Explanations
श्लोक #२०२
पाप- कर्म दुखजनक हैं, यह है उनकी रीत ।
पावक से भीषण समझ, सो होना भयभीत ॥

Tamil Transliteration
Theeyavai Theeya Payaththalaal Theeyavai
Theeyinum Anjap Patum.

Explanations
श्लोक #२०३
श्रेष्ठ बुद्धिमत्ता कहें, करके सुधी विचार ।
अपने रिपु का भी कभी, नहिं करना अपकार ॥

Tamil Transliteration
Arivinul Ellaan Thalaiyenpa Theeya
Seruvaarkkum Seyyaa Vital.

Explanations
श्लोक #२०४
विस्मृति से भी नर नहीं, सोचे पर की हानि ।
यदि सोचे तो धर्म भी, सोचे उसकी हानि ॥

Tamil Transliteration
Marandhum Piranketu Soozharka Soozhin
Aranjoozham Soozhndhavan Ketu.

Explanations
श्लोक #२०५
‘निर्धन हूँ मैं’, यों समझ, करे न कोई पाप ।
अगर किया तो फिर मिले, निर्धनता-अभिशाप ॥

Tamil Transliteration
Ilan Endru Theeyavai Seyyarka Seyyin
Ilanaakum Matrum Peyarththu.

Explanations
श्लोक #२०६
दुख से यदि दुष्कर्म के, बचने की है राय ।
अन्यों के प्रति दुष्टता, कभी नहीं की जाय ॥

Tamil Transliteration
Theeppaala Thaanpirarkan Seyyarka Noippaala
Thannai Atalventaa Thaan.

Explanations
श्लोक #२०७
अति भयकारी शत्रु से, संभव है बच जाय ।
पाप-कर्म की शत्रुता, पीछा किये सताय ॥

Tamil Transliteration
Enaippakai Yutraarum Uyvar Vinaippakai
Veeyaadhu Pinsendru Atum.

Explanations
श्लोक #२०८
दुष्ट- कर्म जो भी करे, यों पायेगा नाश ।
छोड़े बिन पौरों तले, छाँह करे ज्यों वास ॥

Tamil Transliteration
Theeyavai Seydhaar Ketudhal Nizhaldhannai
Veeyaadhu Atiurain Thatru.

Explanations
श्लोक #२०९
कोई अपने आपको, यदि करता है प्यार ।
करे नहीं अत्यल्प भी, अन्यों का अपचार ॥

Tamil Transliteration
Thannaiththaan Kaadhala Naayin Enaiththondrum
Thunnarka Theevinaip Paal.

Explanations
श्लोक #२१०
नाशरहित उसको समझ, जो तजकर सन्मार्ग ।
पाप-कर्म हो नहिं करे, पकड़े नहीं कुमार्ग ॥

Tamil Transliteration
Arungetan Enpadhu Arika Marungotith
Theevinai Seyyaan Enin.

Explanations
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