श्लोक - २१८
सामाजिक कर्तव्य का, जिन सज्जन को ज्ञान ।
उपकृति से नहिं चूकते, दारिदवश भी जान ॥
Tamil Transliteration
Itanil Paruvaththum Oppuravirku Olkaar
Katanari Kaatchi Yavar.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 011 to 020 |
chapter | लोकोपकारिता |