श्लोक - ७८२

श्लोक 782
श्लोक #७८२
प्राज्ञ मित्रता यों बढ़े, यथा दूज का चाँद ।
मूर्ख मित्रता यों घटे, ज्यों पूनो के बाद ॥

Tamil Transliteration
Niraineera Neeravar Kenmai Piraimadhip
Pinneera Pedhaiyaar Natpu.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterमैत्री