मिध्याचार

Verses

श्लोक #२७१
वंचक के आचार को, मिथ्यापूर्ण विलोक ।
पाँचों भूत शरीरगत, हँस दे मन में रोक ॥

Tamil Transliteration
Vanja Manaththaan Patitrozhukkam Poodhangal
Aindhum Akaththe Nakum.

Explanations
श्लोक #२७२
उच्च गगन सम वेष तो, क्या आवेगा काम ।
समझ- बूंझ यदि मन करे, जो है दूषित काम ॥

Tamil Transliteration
Vaanuyar Thotram Evanseyyum Thannenjam
Thaanari Kutrap Patin.

Explanations
श्लोक #२७३
महा साधु का वेष धर, दमन-शक्ति नहिं, हाय ।
व्याघ्र-चर्म आढे हुए, खेत चरे ज्यों गाय ॥

Tamil Transliteration
Valiyil Nilaimaiyaan Valluruvam Petram
Puliyindhol Porththumeyn Thatru.

Explanations
श्लोक #२७४
रहते तापस भेस में, करना पापाचार ।
झाड़-आड़ चिड़िहार ज्यों, पंछी पकड़े मार ॥

Tamil Transliteration
Thavamaraindhu Allavai Seydhal Pudhalmaraindhu
Vettuvan Pulsimizhth Thatru.

Explanations
श्लोक #२७५
‘हूँ विरक्त’ कह जो मनुज, करता मिथ्याचार ।
कष्ट अनेकों हों उसे, स्वयं करे धिक्कार ॥

Tamil Transliteration
Patratrem Enpaar Patitrozhukkam Etretrendru
Edham Palavun Tharum.

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श्लोक #२७६
मोह-मुक्त मन तो नहीं, है निर्मम की बान ।
मिथ्याचारी के सदृश, निष्ठुर नहीं महान ॥

Tamil Transliteration
Nenjin Thuravaar Thurandhaarpol Vanjiththu
Vaazhvaarin Vankanaar Il.

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श्लोक #२७७
बाहर से है लालिमा, हैं घुंघची समान ।
उसका काला अग्र सम, अन्दर है अज्ञान ॥

Tamil Transliteration
Purangundri Kantanaiya Renum Akangundri
Mukkir Kariyaar Utaiththu.

Explanations
श्लोक #२७८
नहा तीर्थ में ठाट से, रखते तापस भेस ।
मित्थ्याचारी हैं बहुत, हृदय शुद्ध नहिं लेश ॥

Tamil Transliteration
Manaththadhu Maasaaka Maantaar Neeraati
Maraindhozhuku Maandhar Palar.

Explanations
श्लोक #२७९
टेढ़ी वीणा है मधुर, सीधा तीर कठोर ।
वैसे ही कृति से परख, किसी साधु की कोर ॥

Tamil Transliteration
Kanaikotidhu Yaazhkotu Sevvidhuaang Kanna
Vinaipatu Paalaal Kolal.

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श्लोक #२८०
साधक ने यदि तज दिया, जग-निन्दित सब काम ।
उसको मुंडा या जटिल, बनना है बेकाम ॥

Tamil Transliteration
Mazhiththalum Neettalum Ventaa Ulakam
Pazhiththadhu Ozhiththu Vitin.

Explanations
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