श्लोक - २७५
‘हूँ विरक्त’ कह जो मनुज, करता मिथ्याचार ।
कष्ट अनेकों हों उसे, स्वयं करे धिक्कार ॥
Tamil Transliteration
Patratrem Enpaar Patitrozhukkam Etretrendru
Edham Palavun Tharum.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 021 to 030 |
chapter | मिध्याचार |