श्लोक - २७१
वंचक के आचार को, मिथ्यापूर्ण विलोक ।
पाँचों भूत शरीरगत, हँस दे मन में रोक ॥
Tamil Transliteration
Vanja Manaththaan Patitrozhukkam Poodhangal
Aindhum Akaththe Nakum.
Section | धर्म- कांड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 021 to 030 |
chapter | मिध्याचार |