भावज्ञत

Verses

श्लोक #७०१
बिना कहे जो जान ले, मुख-मुद्रा से भाव ।
सदा रहा वह भूमि का, भूषण महानुभाव ॥

Tamil Transliteration
701 Kooraamai Nokkake Kuripparivaan Egngnaandrum
Maaraaneer Vaiyak Kani.

Explanations
श्लोक #७०२
बिना किसी संदेह के, हृदयस्थित सब बात ।
जो जाने मानो उसे, देव तुल्य साक्षात ॥

Tamil Transliteration
Aiyap Pataaadhu Akaththadhu Unarvaanaith
Theyvaththo Toppak Kolal.

Explanations
श्लोक #७०३
मनोभाव मुख-भाव से, जो जानता निहार ।
अंगों में कुछ भी दिला, करो उसे स्वीकार ॥

Tamil Transliteration
Kurippir Kurippunar Vaarai Uruppinul
Yaadhu Kotuththum Kolal.

Explanations
श्लोक #७०४
बिना कहे भावज्ञ हैं, उनके सम भी लोग ।
आकृति में तो हैं मगर, रहें भिन्न वे लोग ॥

Tamil Transliteration
Kuriththadhu Kooraamaik Kolvaaro Tenai
Uruppo Ranaiyaraal Veru.

Explanations
श्लोक #७०५
यदि नहिं जाना भाव को, मुख-मुद्रा अवलोक ।
अंगों में से आँख का, क्या होगा उपयोग ॥

Tamil Transliteration
Kurippir Kurippunaraa Vaayin Uruppinul
Enna Payaththavo Kan?.

Explanations
श्लोक #७०६
बिम्बित करता स्फटिक ज्यों, निकट वस्तु का रंग ।
मन के अतिशय भाव को, मुख करता बहिरंग ॥

Tamil Transliteration
Atuththadhu Kaattum Palingupol Nenjam
Katuththadhu Kaattum Mukam.

Explanations
श्लोक #७०७
मुख से बढ़ कर बोधयुत, है क्या वस्तु विशेष ।
पहले वह बिम्बित करे, प्रसन्नता या द्वेष ॥

Tamil Transliteration
Mukaththin Mudhukkuraindhadhu Unto Uvappinum
Kaayinum Thaanmun Thurum.

Explanations
श्लोक #७०८
बीती समझे देखकर, यदि ऐसा नर प्राप्त ।
अभिमुख उसके हो खड़े, रहना है पर्याप्त ॥

Tamil Transliteration
Mukamnokki Nirka Amaiyum Akamnokki
Utra Thunarvaarp Perin.

Explanations
श्लोक #७०९
बतलायेंगे नेत्र ही, शत्रु-मित्र का भाव ।
अगर मिलें जो जानते, दृग का भिन्न स्वभाव ॥

Tamil Transliteration
Pakaimaiyum Kenmaiyum Kannuraikkum Kannin
Vakaimai Unarvaarp Perin.

Explanations
श्लोक #७१०
जो कहते हैं, ‘हम रहे’, सूक्ष्म बुद्धि से धन्य ।
मान-दण्ड उनका रहा, केवल नेत्र, न अन्य ॥

Tamil Transliteration
Nunniyam Enpaar Alakkungol Kaanungaal
Kannalladhu Illai Pira.

Explanations
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