श्लोक - ७०९

श्लोक 709
श्लोक #७०९
बतलायेंगे नेत्र ही, शत्रु-मित्र का भाव ।
अगर मिलें जो जानते, दृग का भिन्न स्वभाव ॥

Tamil Transliteration
Pakaimaiyum Kenmaiyum Kannuraikkum Kannin
Vakaimai Unarvaarp Perin.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 051 to 060
chapterभावज्ञत