श्लोक - २१०
नाशरहित उसको समझ, जो तजकर सन्मार्ग ।
पाप-कर्म हो नहिं करे, पकड़े नहीं कुमार्ग ॥
Tamil Transliteration
Arungetan Enpadhu Arika Marungotith
Theevinai Seyyaan Enin.
Section | धर्म- कांड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 011 to 020 |
chapter | पाप- भीरुता |
नाशरहित उसको समझ, जो तजकर सन्मार्ग ।
पाप-कर्म हो नहिं करे, पकड़े नहीं कुमार्ग ॥
Tamil Transliteration
Arungetan Enpadhu Arika Marungotith
Theevinai Seyyaan Enin.
Section | धर्म- कांड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 011 to 020 |
chapter | पाप- भीरुता |