श्लोक - २०२
पाप- कर्म दुखजनक हैं, यह है उनकी रीत ।
पावक से भीषण समझ, सो होना भयभीत ॥
Tamil Transliteration
Theeyavai Theeya Payaththalaal Theeyavai
Theeyinum Anjap Patum.
Section | धर्म- कांड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 011 to 020 |
chapter | पाप- भीरुता |
पाप- कर्म दुखजनक हैं, यह है उनकी रीत ।
पावक से भीषण समझ, सो होना भयभीत ॥
Tamil Transliteration
Theeyavai Theeya Payaththalaal Theeyavai
Theeyinum Anjap Patum.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 011 to 020 |
chapter | पाप- भीरुता |