श्लोक - ६६२

श्लोक 662
श्लोक #६६२
दुष्ट न करना, यदि हुआ, तो फिर न हो अधीर ।
मत यह है नीतिज्ञ का, दो पथ मानें मीर ॥

Tamil Transliteration
Oororaal Utrapin Olkaamai Ivvirantin
Aarenpar Aaindhavar Kol.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 051 to 060
chapterकर्म में दृढ़ता