श्लोक - ९६४
सम्भूता अपि सद्वेशं लोके श्रेष्ठपदच्युता: ।
उत्तमाङ्गपरिभ्रष्टकेशतुल्या भवन्ति ते ॥
Tamil Transliteration
Thalaiyin Izhindha Mayiranaiyar Maandhar
Nilaiyin Izhindhak Katai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | मानम् |