श्लोक - ९५७
महाकुलप्रसूतेषु स्थित: स्वल्पोऽपि दुर्गुणा: ।
व्योमचन्द्रकलङ्केन समं दृश्येत् सुस्फुटम् ॥
Tamil Transliteration
Kutippirandhaar Kanvilangum Kutram Visumpin
Madhikkan Maruppol Uyarndhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | कुलीनत्वम् |