श्लोक - ९५६
'निर्दुष्टकुलचारित्र्यसहिता: स्याम सर्वदा' ।
इत्यं दृढप्रतिज्ञास्तु निन्दितं न वितन्वते ॥
Tamil Transliteration
Salampatrich Chaalpila Seyyaarmaa Satra
Kulampatri Vaazhdhum En Paar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | कुलीनत्वम् |