श्लोक - ९३४
स्वाश्रितानां बहुक्लेशप्रदानात् कीर्तिनाशनात् ।
दारिद्र्यदायकं द्यूतसदृशं नास्ति किञ्चन ॥
Tamil Transliteration
Sirumai Palaseydhu Seerazhikkum Soodhin
Varumai Tharuvadhondru Il.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | द्यूत: |