श्लोक - ९१९
चारित्र्यमात्रशून्यानां दासीनां मधुरो भुज: ।
मूढाधमजनप्राप्यनिरयेन समो भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Varaivilaa Maanizhaiyaar Mendhol Puraiyilaap
Pooriyarkal Aazhum Alaru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | पण्याङ्गना |