श्लोक - ८८०
गर्वो रिपुणामादौ न हन्यते केनचिद्यदि ।
श्वासग्रहणकालं च न शक्यं तेन जीवितुम् ॥
Tamil Transliteration
Uyirppa Ularallar Mandra Seyirppavar
Semmal Sidhaikkalaa Thaar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | विरोवतत्त्वपरिज्ञानम् |