श्लोक - ८७९
बालकण्टकवृक्षस्य छेदनं सुलभं भवेत् ।
स एव वृद्धश्छिन्नश्चेत् छेत्तुश्छिन्नो भवेत्कर: ॥
Tamil Transliteration
Ilaidhaaka Mulmaram Kolka Kalaiyunar
Kaikollum Kaazhththa Itaththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | विरोवतत्त्वपरिज्ञानम् |