श्लोक - ८७६
त्वया रिपुर्भवेद् ज्ञातस्त्वज्ञातो वा पुरा भृशम् ।
क्लेशे प्राप्ते तु माध्यस्थ्यभावमालम्ब्य पश्य तम् ॥
Tamil Transliteration
Thera?num Theraa Vitinum Azhivinkan
Theraan Pakaaan Vital.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | विरोवतत्त्वपरिज्ञानम् |