श्लोक - ८७३
नानाजनविरोधी यो बन्धुमित्रविवर्जित: ।
उन्मत्तपुरुषाच्चापि ज्ञानहीन: स गण्यते ॥
Tamil Transliteration
Emur Ravarinum Ezhai Thamiyanaaip
Pallaar Pakaikol Pavan.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | विरोवतत्त्वपरिज्ञानम् |