श्लोक - ८६९
अज्ञातनीतिशास्त्रार्थै: कार्यसाधनभीरुभि: ।
रिपुर्भियुद्धकर्ता तु जित्वा श्रेष्ठसुखं व्रजेत् ॥
Tamil Transliteration
Seruvaarkkuch Chenikavaa Inpam Arivilaa
Anjum Pakaivarp Perin.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | शत्रुनिर्णय: |