श्लोक - ८६४
सर्वत्र सर्वदा सर्वै: स जेतुं सुलभो भवेत् ।
य: क्रोधवशमापन्नस्त्वशक्तश्चित्तनिग्रहे ॥
Tamil Transliteration
Neengaan Vekuli Niraiyilan Egngnaandrum
Yaanganum Yaarkkum Elidhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | शत्रुनिर्णय: |