श्लोक - ८६३
भेतव्ये भयहीनस्य ज्ञातव्यं चाप्यजानत: ।
अदातुर्मित्रहीनस्य सुलभा शत्रुवश्यता ॥
Tamil Transliteration
Anjum Ariyaan Amaivilan Eekalaan
Thanjam Eliyan Pakaikku.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | शत्रुनिर्णय: |