श्लोक - ८४७

श्लोक 847
श्लोक #८४७
परोक्तगोपनीयार्थान् प्रमादादीरयन् बहि: ।
अल्पज्ञ: स्वस्य नानर्थान् स्वयमेव समानयेत् ॥

Tamil Transliteration
Arumarai Sorum Arivilaan Seyyum
Perumirai Thaane Thanakku.

Sectionभाग–२: अर्थ-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterअल्पज्ञत्वम्