श्लोक - ८३३
लज्जाविहीनता प्रेमशून्यता श्रेष्ठवस्तुनि ।
नैराश्यं निर्विवेकत्वमिमे मौढ्यगुणा मता: ॥
Tamil Transliteration
Naanaamai Naataamai Naarinmai Yaadhondrum
Penaamai Pedhai Thozhil.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | मौढ्यम् |