श्लोक - ८३२
नानाविधेषु मौढ्येषु मौढ्यं तच्छिखरायते ।
यच्छास्त्रनिन्दिते हेये दुराचारे तु भोग्यधी: ॥
Tamil Transliteration
Pedhaimaiyul Ellaam Pedhaimai Kaadhanmai
Kaiyalla Thankat Seyal.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | मौढ्यम् |