श्लोक - ७६३

मृषका मिलिता: शब्दं कुर्वन्तु भुजगान्तिके ।
वृथा तद् भुजगोच्छवासस्पर्शान्नश्यन्ति ते क्षणात् ॥
Tamil Transliteration
Oliththakkaal Ennaam Uvari Ela?ppakai
Naakam Uyirppak Ketum.
| Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
|---|---|
| Chapter Group | अध्याय 081 to 090 |
| chapter | सैन्यप्रयोजनम् |