श्लोक - ७६२
विपत्काले स्वयं शीर्णं भृत्वापि धृतिमत्तया ।
स्थातुं शक्नोति तत् सैन्यं यन्मूलबलसंज्ञितम् ॥
Tamil Transliteration
Ulaivitaththu Ooranjaa Vankan Tholaivitaththuth
Tholpataik Kallaal Aridhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 081 to 090 |
chapter | सैन्यप्रयोजनम् |