श्लोक - ७५४
युक्तमार्गेण नीत्या च यद्धनं समुपार्जितम् ।
तत्तस्य धर्मं कामं च प्रददाति न संशय: ॥
Tamil Transliteration
Araneenum Inpamum Eenum Thiranarindhu
Theedhindri Vandha Porul.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 071to 080 |
chapter | अर्थार्जनोपाय: |