श्लोक - ७५३
अशाम्यो धनदीपोऽयं गत्वा सर्वत्र सर्वदा ।
स्वाश्रितानां विरोधाख्यमन्धकारं विनाशयेत् ॥
Tamil Transliteration
Porulennum Poiyaa Vilakkam Irularukkum
Enniya Theyaththuch Chendru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 071to 080 |
chapter | अर्थार्जनोपाय: |