श्लोक - ७४२
सलिलेन विशुद्धेन मरुभूम्या नगेन च ।
सुच्छायाढयनेनापि वृतो दुर्ग: समीर्यते ॥
Tamil Transliteration
Manineerum Mannum Malaiyum Aninizhar
Kaatum Utaiya Tharan.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 061 to 070 |
chapter | दुर्ग: |
सलिलेन विशुद्धेन मरुभूम्या नगेन च ।
सुच्छायाढयनेनापि वृतो दुर्ग: समीर्यते ॥
Tamil Transliteration
Manineerum Mannum Malaiyum Aninizhar
Kaatum Utaiya Tharan.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 061 to 070 |
chapter | दुर्ग: |