श्लोक - ७३५
भिन्नलक्ष्यवतां सङ्घरन्तश्छिद्रैरनर्थदै: ।
घातकै: क्षुद्रभूपैश्च मुक्तो देश: स कथ्यते ॥
Tamil Transliteration
Palkuzhuvum Paazhseyyum Utpakaiyum Vendhalaikkum
Kolkurumpum Illadhu Naatu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 061 to 070 |
chapter | देश्: |