श्लोक - ७३१
कृषिकर्मविदां श्रेष्ठै: स्वधर्मनिरतै: सदा ।
धनार्जनपरैर्वैश्यै: युक्तो देश इतीर्यते ॥
Tamil Transliteration
Thallaa Vilaiyulum Thakkaarum Thaazhvilaach
Chelvarum Servadhu Naatu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 061 to 070 |
chapter | देश्: |