श्लोक - ७२
नर: प्रेम्णा विरहित्: सर्वमात्मार्थमिच्छति ।
प्रेमवान् स्वशरीरं च परार्थमिति मन्यते ॥
Tamil Transliteration
Anpilaar Ellaam Thamakkuriyar Anputaiyaar
Enpum Uriyar Pirarkku.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | प्रीति: |