श्लोक - ६९७
पृष्टोऽप्यर्थसम्युक्तं वाक्यं बूयान्महीपतौ ।
पृष्टोऽपि व्यर्थवचनं न वदेत् सचिव : स्वयम् ॥
Tamil Transliteration
Vetpana Solli Vinaiyila Egngnaandrum
Ketpinum Sollaa Vital.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | राजसेवा |