श्लोक - ६८६
नितीज्ञा: स्फुटवक्ता च धैर्यवान् रिपुसन्निधौ ।
कालानुकूलप्रज्ञावन् दूत: स्यात् शास्त्रसम्मत: ॥
Tamil Transliteration
Katrukkan Anjaan Selachchollik Kaalaththaal
Thakkadhu Arivadhaam Thoodhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | दौत्यम् |