श्लोक - ६५६
मातुर्बुभुक्षाशमनसङ्कटेऽपि समागते ।
सद्भिर्विगर्हितं वर्ज्यं कार्यं न हि समाचरेत् ॥
Tamil Transliteration
Eendraal Pasikaanpaan Aayinunj Cheyyarka
Saandror Pazhikkum Vinai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | क्रियाशुद्धि |