श्लोक - ६३२
सामर्थ्यं यत्नशीलत्वं कुलीनत्वं मनोधृति: ।
विद्येति पञ्चभिश्चैतै: सहित: सचिवो मत: ॥
Tamil Transliteration
Vankan Kutikaaththal Katraridhal Aalvinaiyotu
Aindhutan Maantadhu Amaichchu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | अमात्य: |