श्लोक - ६२७
दु:खाश्रयो देह' इति ज्ञात्वा तत्त्वविदां वरा: ।
दु:खकाले समायते न मुञ्चन्ति मनोधृतिम् ॥
Tamil Transliteration
Ilakkam Utampitumpaik Kendru Kalakkaththaik
Kaiyaaraak Kollaadhaam Mel.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | औत्सुक्यम् |