श्लोक - ६२२
निरर्गलागतं दु:कप्रावाहं बुद्धिमान्नर: ।
हृदये सुखरूपेण जानन् दु:खाद्विमुच्यते ॥
Tamil Transliteration
Vellath Thanaiya Itumpai Arivutaiyaan
Ullaththin Ullak Ketum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | औत्सुक्यम् |