श्लोक - ६२०
विनालस्यं कर्मलोपमन्तरा यत्नवान् नर: ।
प्रतिकूलं विघिं चापि स कदाचिद्विजेष्यति ॥
Tamil Transliteration
Oozhaiyum Uppakkam Kaanpar Ulaivindrith
Thaazhaadhu Ugnatru Pavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | प्रयत्नशीलत्वम् |